डि. एस. ख्वाजा, जिला प्रतिनिधि, चंद्रपुर :- चंद्रपुर/ वरोरा/- मधुकर हिवरकर का वरोरा तालुक के निलजई में उनका पुश्तैनी घर था। मधुकर हिवारकर डॉक्टर होने के कारण व्यापार के सिलसिले में हमेशा गांव से बाहर रहते थे। इस मौके का फायदा उठाते हुए उनके बड़े भाई बाबाराव दादाजी हिवरकर ने अपने नाम ग्राम पंचायत रिकॉर्ड में ये मकान अपने नाम कर लिया था। परन्तु, मधुकर हिवरकर का भी इस मकान में हिस्सा था। कुछ दिन पहले मधुकर हिवरकर का स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण वह बेटी के पास पत्नि के साथ रहने के लिए गये। इस मौके का लाभ उठाते हुये बाबाराव हिवरकर ने मधुकर हिवरकर को अंधेरे में रखकर इस घर को बेच दिया। मधुकर हिवारकर की बेटी ने चंद्रपुर में आयोजित पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया है कि जेसीबी से घर को तोड़ा गया है।

हिवारकर का पुराना घर नीलजई में है। ग्राम पंचायत के रिकॉर्ड में बाबाराव हिवरकर के नाम हैं। बाबाराव वरोरा में रहते हैं। परन्तु मधुकर हिवरकर इस मकान में रहते है, और इस मकान में उनकी भी हिस्सेदारी है। उन्होंने कई बार ग्रामपंचायत में घर टैक्स अपने नाम करने की लिए आवेदन दिया। परंतु ग्रामपंचायत पदाधिकारीयो ने इस ओर अनदेखी की। कुछ महीने पहले मधुकर हिवरकर की तबियत खराब होने के कारण वह अपनी पत्नी के साथ बेटी के घर हिंगणघाट में रहने के लिए गये। इस मौके का फायदा उठाकर मधुकर हिवरकर के बड़े भाई ने गांव के वामन अंड्रसकर इस व्यक्ति को मकान की बिक्री की। घर बिकने की बात पता चलने पर उनकी बेटी ने वरोरा थाने में शिकायत दर्ज करायी। लेकिन इसे पारिवारिक मामला बताकर पुलिस ने हाथ खड़े कर लिये। इसके बाद उसने कोर्ट में अर्जी दी। लेकिन कोर्ट की छुट्टी का फायदा उठाते हुए वामन अंड्रसकर और उसके बेटों ने जेसीबी से घर को तोड़ दिया। इस कारण मधुकर हिवरकर का आश्रय का प्रश्न निर्माण हो गया है।
मधुकर हिवरकर के पास इस घर के अलावा कहीं भी कोई संपत्ति या आश्रय नहीं है। उनकी बेटी वीणा दरणे ने सवाल उठाया कि वह बूढ़े है और अब वो कहां रहेंगे।
पत्रकार परिषद में बेटी वीणा दरणे ने मांग की कि संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस मौके पर मधुकर हिवरकर, उनकी पत्नी, दामाद अनिल दरणे मौजूद रहे।