विदर्भ प्रिंट,नागपुर। स्थानीय राजनीतिक नेतृत्व ने अपने पसंदीदा दिग्गजों के लाभ के लिए नागपुर के विकास के बहाने नागपुर के लोगों को बाढ़ की स्थिति में धकेल कर खुद नागपुर को मजबूत करने और पर्यावरण को खराब करने का पाप किया है। विपक्ष ने अंबादास दानवे ने नागपुर में बाढ़ की स्थिति का सीधा जायजा लिया और नागपुर के बाढ़ प्रभावित लोगों से बातचीत करते उक्त बातें कही। दानवे ने आगे कहा कि इस घटना के लिए नागपुर नगर निगम और नागपुर सुधार प्रन्यास समान रूप से जिम्मेदार हैं और यह देखा गया कि उनके बीच कोई समन्वय नहीं है। स्थिति यह है कि क्या प्रशासन घटना घटित होने का इंतजार कर रहा था। भले ही नगर निगम ने नागरिकों के नुकसान का आकलन कर लिया है, लेकिन नागरिकों तक पहुंचना अभी भी जरूरी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना तब घटी जब अंबाझरी की सुरक्षा दीवार टूट गई। लेकिन इस दीवार का काम चार चरणों में कार्य किया जाने का तय था,पहले चरण का काम पूरा होने के बाद दूसरे, तीसरे और चौथे चरण के काम की उपेक्षा की गई। फिलहाल बाढ़ के कारण पहले चरण का काम नये सिरे से करना पड़ रहा है। इस सुरक्षात्मक दीवार के सभी चार चरणाें का कार्य करना आवश्यक हो गया है। उन्होंने जिलािधकारी को सुझाव देते हुए कहा कि शीघ्र ही नये सिरे से डीपीआर बनाकर कार्य को अंजाम दिया जाना चाहिए। दानवे ने आलोचना करते हुए कहा कि अगर प्रशासनिक तंत्र पर नियंत्रण की कमी, अति आत्मविश्वास और विकास की बात करने वालों के कारण नागपुर के लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ा है। इस अवसर पर संपर्क प्रमुख व विधायक दुष्यन्त चतुर्वेदी, नगर प्रमुख किशोर कुमेरिया, नगर प्रमुख नितिन तिवारी, दीपक कापसे, पूर्व सांसद प्रकाश जाधव, सुरेखा खोबरागड़े,शिल्पा बोडखे, पूर्व जिला प्रमुख सतीश हरडे के साथ ही अन्य पदािधकारी भी उपस्थित थे।
