नागपुर। भारतीय रेल में लगभग 40 ट्रेड यूनियन रजिस्टर है। इस वर्ष 4/5/6 Dec. 24 को जोनल स्तर पर मान्यता प्राप्ति के चुनाव हो रहे है। भारतीय रेल मे कांग्रेस, वामपंथी और आर. आर. एस. समर्थित यूनियनों का बोल -बाला रहा है।
पहली बार वर्तमान समय मे 02 अम्बेडकराईट रेल यूनियने भी रजिस्टर है। 1) SRBKU (स्वतंत्र रेल बहुजन कर्मचारी यूनियन ) 2) RMBKS ( राष्ट्रीय मूलनिवासी बहुजन कर्मचारी संघ ) BAMCEF समर्थित ,BAMCEF का निर्माण मा. कांशीराम, ख़ापर्दे और दिनाभाना साहब इन्होने इस संगठन को नॉन पोलिटिकल और नॉन रिलिजस बनाया था। ये संगठन केवल समाज कि समस्या पर बात करेगा। BAMCEF ने अपना शत्रु निर्धारित किया और घोषित किया अर्थात मनुवादी व्यवस्था और मनुवादी व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई लड़ेगा। समय के अनुसार BAMCEF ने अपना विस्तार किया। भिन्न -भिन्न क्षेत्र कि समस्या से लड़ने के लिए लगभग 90 ऑफ शूट विंग (संगठन )बनाये। जिनमे एक BMP (बहुजन मुक्ति पार्टी ) जिसका कहना है कि हम राजनीति करने नहीं राजनीति बदलने आये है। दूसरी RMBKS रेल कर्मचारीयोंकी समस्या पर बात करेंगी। SRBKU रेल यूनियन चुनाव लड़ रही है। जबकि RMBKS चुनाव से दूर है। बहुजन समाज (SC/ST, OBC और Minority ) के लोग भ्रम मे थे कि RMBKS रेल यूनियन किसको समर्थन देगी जबकि BAMCEF के समर्थक कर्मचारी जानते थे कि क्या होने वाला है।जबकि बहुजन समाज के नेता और संगठन अपने स्वार्थ के लिए और दूसरे को नीचा दिखाने के लिये मनुवादीयों से हाथ मिलाते है।BAMCEF के ऑफ़ शूट विंग RMBKS ने BAMCEF के उद्देश्य पूर्ति के लिये SRBKU इस अम्बेडकराईट यूनियन को जोनल लेवल मान्यता प्राप्ती चुनाव मे समर्थन दिया। जिससे सभी मूलनिवासी कर्मचारियों मे ख़ुशी कि लहर छाई कि अब हम भी अपनी यूनियन को चुन सकते है।