नागपुर। भारतीय रियल एस्टेट सलाहकार वेलफेयर यूनियन, नागपुर के शिष्टमंडल ने हाल ही में महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष व विधायक नाना पटोले से मुलाकात की। इस मुलाकात में रियल एस्टेट सलाहकारों की समस्याओं, धोखाधड़ी के मामलों और महारेरा से संबंधित कठिनाइयों पर विस्तृत चर्चा की गई। सलाहकारों ने अपनी व्यावसायिक चुनौतियों, कमीशन की अनिश्चितता, और कानूनी प्रक्रियाओं में आ रही अड़चनों के बारे में खुलकर अपने विचार रखे।
इस दौरान, सलाहकारों ने अपनी शिकायतों को रखते हुए बताया कि कमीशन के मामले में उन्हें अक्सर अन्याय का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, धोखाधड़ी की घटनाओं में नुकसान और महारेरा के कठोर नियमों के चलते उन्हें अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने इन प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि यह सभी के लिए सुरक्षित और व्यवस्थित हो सके।
विधायक नाना पटोले ने सलाहकारों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और जल्द ही इन मुद्दों पर ठोस कदम उठाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “रियल एस्टेट सलाहकार इस क्षेत्र की रीढ़ हैं। उनकी मेहनत और सम्मान बनाए रखना सरकार का प्रमुख दायित्व है।
बैठक में महारेरा के अंतर्गत लागू परीक्षा शुल्क, छह महीने की रिपोर्ट की शर्त, और PMLA (मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े कानून) जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की गई। सलाहकारों ने इन नियमों को सरल बनाने और धोखाधड़ी पर सख्त कानून बनाने की मांग की, ताकि उनके अधिकार सुरक्षित रह सकें।
नाना पटोले ने यह भी स्पष्ट किया कि कमीशन की स्पष्टता, बीमा योजना, और व्यवसाय में पारदर्शिता लाने के लिए ठोस उपाय किए जाएंगे। उन्होंने सलाहकारों के हितों की रक्षा और उनके कल्याण के लिए हर संभव प्रयास करने का भरोसा दिया।
इस चर्चा में भारतीय रियल एस्टेट सलाहकार वेलफेयर यूनियन के पदाधिकारियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इनमें राजवीर सिंह, डॉ. के.एम. सुरडकर, प्रदीप मनवर, प्रबोध देशपांडे, संजय कृपान, संजय धापोडकर, संजय खोब्रागड़े, अनिल सोनकुसरे और स्वप्नील खापेकर शामिल थे।